Menu
blogid : 3223 postid : 5

पतंजलि योगपीठ में एक दिन:एक सच्ची घटना

  • 5 Posts
  • 22 Comments

एक बात जो मै आप सब से शेयर करना चाहता हूँ…मै पिछले कुछ दिन पहले पतंजलि योगपीठ गया था…वहां की सारी चीज़ें अच्छी हैं….बाबा रामदेव ने बहुत अच्छा ही काम किये ऐसी योगपीठ बना कर बहुत महान काम किया है …मेरे साथ एक सज्जन भी थे…उन्होंने कहा चलो सब कुछ देख लिया अब जहाँ यज्ञ होता है वो देख लेते हैं..मै भी ठीक ही समझा…वहां एक तखत रखा था…हम लोगों को मालूम नहीं था की इस पर सिर्फ बाबाजी ही आसन जमाते हैं….इसलिए हम लोग उस पर बैठ गए…तभी बाबाजी का एक हट्टा-कट्टा चेला आया…और पूरे गस्से में बोला:यहाँ से चले जाओ वरना ठीक नहीं होगा..मैंने कहा आखिर हम लोगों ने क्या गलती कर दी भाईसाहब??भाईसाहब तो बड़े रोब में बोले:ये तुम लोगों के लिए नहीं है..मेरे साथ जो सज्जन थे वो थोडा उग्ग्र स्वभाव के थे..उन्होंने कहा:हम नहीं बैठेगे तो कौन बठेगा यहाँ???
चेला साहब भी अपनी सेहत को देख कर बोले:एक बार कह दिया तो चले जाओ वरना अभी यहाँ से निकल नहीं पाओगे…आखिरकार मुझे बीच में आना ही पड़ा..मैंने कहा:भाईसाहब जो गलती हो गयी उसके लिए माफ़ी चाहता हूँ…मगर अभी तक आपने बताया नहीं की आखिर ऐसी क्या गलती हो गयी जिसके लिए आप इतना गुस्सा कर रहे हो??तब उन्होंने अपने आपको काबू में करके कहा:कि यहाँ सिर्फ बाबाजी ही बैठते हैं..मैंने कहा बही आप पहले बता देते तो शायद इतनी बात ही न बढ़ती..

मै बाबाजी को गलत नहीं मानता..मगर आप सोचो कि बाबा के ऐसे चेले होंगे तो पतंजलि योगपीठ कैसे चलेगा??जबकि हर किसी की इच्छा होती है कि ऐसे स्थान पर जाए…मेरे अनुसार बाबाजी को सही चेले रखना चाहिए..जो लोगों को गुस्से से नहीं प्यार से समझा सकें…क्योंकि कुछ लोग पढ़े-लिखे भी नहीं होते तो क्या उनको पतंजलि योगपीठ नहीं देखना चाहिए…

और फिर प्यार से तो दुनिया जीती जा सकती है…

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh